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1/9/25

सर्दी से डरिये नहीं, वह हमारे लिए एक मित्र है

प्रकृति के सभी मौसमों का अपना विशेष महत्व है, लेकिन ऐसा लगता है कि सर्दी या ठंड जीवों के लिए अत्यंत आवश्यक है। बाहरी नजरिए से देखा जाए तो लोग ठंड से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह केवल एक भ्रांति है। वे ठंड को खतरनाक मानकर उससे बचने का प्रयास करते हैं, बंद कमरों में रहते हैं, अपने हाथ, मुँह, और कानों को अच्छी तरह से ढक लेते हैं, और पैरों में मोजे और भारी जूते पहन लेते हैं। वे बाहर जाने से कतराते हैं, यह सोचकर कि ठंड लगने से सिरदर्द, निमोनिया, खांसी, या जुकाम हो सकता है। ठंड के प्रति ऐसी भ्रांतियाँ निराधार हैं और इन्हें मानसिकता से निकाल देना चाहिए।


प्रकृति का उद्देश्य है कि मानव शरीर सर्दी, गर्मी और वर्षा के विभिन्न मौसमों का सामना करने के लिए तैयार हो। ठंडी हवा से मानव शरीर में ताजगी का अनुभव होता है। जाड़े की सुबह की हल्की हवा मानव शरीर के लिए एक प्रकार की संजीवनी है। यदि हम इसे नजरअंदाज करें, तो यह मानो शरीर को निर्जीव बना देना है। इस ठंडी हवा से शरीर की रंगत खिल उठती है और कमजोर फेफड़े भी मजबूत हो जाते हैं। काम करने की प्रेरणा बढ़ जाती है। गर्मियों में जो आलस्य हमें घेरे रहता है, वह इस सर्दी के प्रभाव से समाप्त हो जाता है, जिससे हम अधिक ऊर्जा के साथ कार्य कर सकते हैं। कई प्रसिद्ध लेखक और ग्रंथकार जाड़े के प्रभाव में अपनी अद्भुत रचनाएँ करते हैं। सूर्य की किरणें एक अद्भुत चमक से भर जाती हैं, मन में नई प्रेरणा जागृत होती है और प्रकृति हमें लेखन के लिए प्रेरित करती है।


प्रकृति का उद्देश्य है कि मानव शरीर सर्दी, गर्मी और वर्षा के विभिन्न मौसमों का सामना करने के लिए तैयार हो। ठंडी हवा से मानव शरीर में ताजगी का अनुभव होता है। जाड़ों की सुबह की हल्की हवा मानव शरीर के लिए एक प्रकार की संजीवनी है। यदि हम इसे नजरअंदाज करें, तो यह मानो शरीर को निर्जीव बना देना है। इस ठंडी हवा से शरीर की रंगत खिल उठती है और कमजोर फेफड़े भी मजबूत हो जाते हैं। काम करने की प्रेरणा बढ़ जाती है। गर्मियों में जो आलस्य हमें घेरे रहता है, वह इस सर्दी के प्रभाव से समाप्त हो जाता है, जिससे हम अधिक ऊर्जा के साथ कार्य कर सकते हैं। कई प्रसिद्ध लेखक और ग्रंथकार जाड़ों के प्रभाव में अपनी अद्भुत रचनाएँ करते हैं। सूर्य की किरणें एक अद्भुत चमक से भर जाती हैं, मन में नई प्रेरणा जागृत होती है और प्रकृति हमें लेखन के लिए प्रेरित करती है।

सर्दियों में लोग अक्सर अपने आप को भारी कपड़ों से ढक लेते हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त हवा नहीं मिल पाती, जो कि उचित नहीं है। शरीर को खुला रखने और सर्दी सहन करने की आदत डालनी चाहिए। प्रकृति के खिलाफ गलत खान-पान और जीवनशैली से कई गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। सर्दी की धूप का महत्वपूर्ण रासायनिक प्रभाव होता है, जिसमें कई विटामिन मौजूद होते हैं। धूप में स्नान करना बच्चों, वृद्धों और युवाओं के लिए समान रूप से लाभकारी है। इसलिए, सुबह की ठंडी हवा को छोड़कर, हमें बाकी समय में भारी जूतों और मोटे कपड़ों को त्यागकर हल्के और पतले वस्त्र पहनने चाहिए। आशा है कि सर्दी का डर लोगों के मन से दूर हो जाए और वे इसके महत्व को समझें

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