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7/18/23

वास्तु शास्त्र की आवश्यकता



एक  व्यापारी ने  आलीशान घर बनाने के लिए ज़मीन ख़रीदा. उस भूमि पर पहले से ही एक खूबसूरत तालाब और पीछे  की ओर एक बहुत पुराना फलों का  बाग था.

कुछ समय के बाद वहां वे मकान बनाना शुरू किये.  उनके कुछ मित्रों ने सलाह दी, की उन्हें किसी वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ की सलाह लें लेनी चाहिए.

यद्यपि उसे ऐसी बातों पर विश्वास नहीं था, फिर भी मित्रों का मन रखने के लिए उन्होंने बात मान ली और वास्तु शास्त्र के बेहद प्रसिद्ध बुद्धिमान को बुलवा लिया.

उन्हेंने स्टेशन से उनकों  रिसीव किया और  उन्हें अपनी कार में ले कर अपने घर की ओर चल दिए.

रास्ते में जब भी कोई कार उन्हें ओवरटेक करने की कोशिश करती, वो उसे रास्ता दे देते.

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने कहा  आप बहुत सेफ ड्राइविंग  करते हैं. व्यापारी ने  कहा लोग अक्सर ओवरटेक तभी करते हैं जब उन्हें कुछ आवश्यक कार्य हो, इसलिए हमें उन्हें रास्ता देना चाहिए.

बाग एवं ज़मीन के पास पहुँचते-पहुँचते सड़क थोड़ी संकरी हो गयी और व्यापारी ने कार थोड़ी और धीरे कर ली. तभी अचानक एक हंसता हुआ बच्चा गली से निकला और तेज़ी से भागते हुए उनकी कार के आगे से सड़क पार कर गया, वो उसी गति से चलते हुए उस गली की ओर देखते रहे, जैसे किसी का इंतज़ार कर रहे हों, तभी अचानक उसी गली से एक और बच्चा भागते हुए उनकी कार के आगे से निकल गया, शायद पहले बच्चे का पीछा करते हुए. वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने ने हैरान होते हुए पूछा - आपको कैसे पता कि कोई दूसरा बच्चा भी भागते हुए निकलेगा ?

उसने बड़े सहज भाव से कहा, बच्चे अक्सर एक-दूसरे के पीछे भाग रहे होते हैं और इस बात पर विश्वास करना संभव ही नहीं कि कोई बच्चा बिना किसी साथी के ऐसी  भाग दौड़ कर रहा हो,

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने इस बात पर बहुत ज़ोर से हंसे और बोले की आप निस्संदेह बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं.

फलो के बाग के बाहर पहुँच कर दोनों कार से उतरे. तभी अचानक पीछे की ओर से 7-8 पक्षी बहुत तेज़ी से उड़ते नज़र आए. यह देख कर उसने वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ  से कहा कि यदि उन्हें बुरा न लगे तो क्या हम कुछ देर यहाँ रुक सकते हैं ?

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने कारण जानना चाहा तो व्यापारी ने कहा कि घर के पीछे की ओर से 7-8 पक्षी बहुत तेज़ी से उड़े हैं, शायद कुछ बच्चे पेड़ से फल चुरा रहे होंगे और हमारे अचानक पहुँचने से वे डर जायेगे और  बच्चों में भगदड़  मच सकती हैं, इससे पेड़ से गिर कर किसी बच्चे को चोट भी लग सकती है.

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ कुछ देर चुप रहे, फिर संयत आवाज़ में बोले मित्र, इस घर को किसी वास्तु शास्त्र जाँच और उपायों की आवश्यकता नहीं है.

उसने बड़ी हैरानी से पूछा ऐसा क्यूँ ?

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ  ने कहा, जहां आप जैसे विवेकपूर्ण व आसपास के लोगों की भलाई सोचने वाले व्यक्ति विद्यमान होंगे - वो स्थान और संपत्ति वास्तु शास्त्र नियमों के अनुसार बहुत पवित्र-सुखदायी और फलदायी होगी.

जब हमारा मन व मस्तिष्क दूसरों की ख़ुशी व शांति को प्राथमिकता देने लगे, तो इससे दूसरों को ही नहीं, स्वयं हमें भी मानसिक लाभ-शांति-प्रसन्नता मिलती है

जब कोई व्यक्ति सदा स्वयं से पहले दूसरों का भला सोचने लगे तो अनजाने में ही उसे संतत्व प्राप्त हो जाता है जिसके कारण दूसरों का भला हो रहा होता है व उसे ज्ञानबोध मिल जाता है.

भले ही हम प्रण न करें परंतु क़ोशिश अवश्य करें कि हममें भी ऐसे कुछ गुण विकसित हो जाएं कि हमारे घर को Feng Shui अथवा वास्तु जैसे किसी जंत्र-मंत्र की आवश्यकता ही न रहे.

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