क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय साधन है जिसे खरीददारी या सेवा के लिए भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक प्रकार का उधारी पत्र है जिसमें व्यक्ति को निर्धारित रकम तक का उधार मिलता है जिसे वह नियमित अंतरालों में वापस करता है। इसका उपयोग आनलाइन और ऑफलाइन खरीददारी, विभिन्न सेवाओं के लिए भुगतान, और अन्य वित्तीय लेन-देन के लिए किया जा सकता है।
Life Mantra
Personal Life Guru
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1/9/25
Don't be afraid of winter, it is a friend to us
All seasons in nature have their own special significance, but it seems that winter or cold is extremely necessary for living beings. From an external perspective, people try to avoid cold, but this is only an illusion. They try to avoid cold by considering it dangerous, staying in closed rooms, covering their hands, mouth, and ears well, and wearing socks and heavy shoes on their feet. They shy away from going out, thinking that getting cold may cause headache, pneumonia, cough, or cold. Such illusions about cold are baseless and should be removed from the mentality.
सर्दी से डरिये नहीं, वह हमारे लिए एक मित्र है
प्रकृति के सभी मौसमों का अपना विशेष महत्व है, लेकिन ऐसा लगता है कि सर्दी या ठंड जीवों के लिए अत्यंत आवश्यक है। बाहरी नजरिए से देखा जाए तो लोग ठंड से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह केवल एक भ्रांति है। वे ठंड को खतरनाक मानकर उससे बचने का प्रयास करते हैं, बंद कमरों में रहते हैं, अपने हाथ, मुँह, और कानों को अच्छी तरह से ढक लेते हैं, और पैरों में मोजे और भारी जूते पहन लेते हैं। वे बाहर जाने से कतराते हैं, यह सोचकर कि ठंड लगने से सिरदर्द, निमोनिया, खांसी, या जुकाम हो सकता है। ठंड के प्रति ऐसी भ्रांतियाँ निराधार हैं और इन्हें मानसिकता से निकाल देना चाहिए।
प्रकृति का उद्देश्य है कि मानव शरीर सर्दी, गर्मी और वर्षा के विभिन्न मौसमों का सामना करने के लिए तैयार हो। ठंडी हवा से मानव शरीर में ताजगी का अनुभव होता है। जाड़े की सुबह की हल्की हवा मानव शरीर के लिए एक प्रकार की संजीवनी है। यदि हम इसे नजरअंदाज करें, तो यह मानो शरीर को निर्जीव बना देना है। इस ठंडी हवा से शरीर की रंगत खिल उठती है और कमजोर फेफड़े भी मजबूत हो जाते हैं। काम करने की प्रेरणा बढ़ जाती है। गर्मियों में जो आलस्य हमें घेरे रहता है, वह इस सर्दी के प्रभाव से समाप्त हो जाता है, जिससे हम अधिक ऊर्जा के साथ कार्य कर सकते हैं। कई प्रसिद्ध लेखक और ग्रंथकार जाड़े के प्रभाव में अपनी अद्भुत रचनाएँ करते हैं। सूर्य की किरणें एक अद्भुत चमक से भर जाती हैं, मन में नई प्रेरणा जागृत होती है और प्रकृति हमें लेखन के लिए प्रेरित करती है।
प्रकृति का उद्देश्य है कि मानव शरीर सर्दी, गर्मी और वर्षा के विभिन्न मौसमों का सामना करने के लिए तैयार हो। ठंडी हवा से मानव शरीर में ताजगी का अनुभव होता है। जाड़ों की सुबह की हल्की हवा मानव शरीर के लिए एक प्रकार की संजीवनी है। यदि हम इसे नजरअंदाज करें, तो यह मानो शरीर को निर्जीव बना देना है। इस ठंडी हवा से शरीर की रंगत खिल उठती है और कमजोर फेफड़े भी मजबूत हो जाते हैं। काम करने की प्रेरणा बढ़ जाती है। गर्मियों में जो आलस्य हमें घेरे रहता है, वह इस सर्दी के प्रभाव से समाप्त हो जाता है, जिससे हम अधिक ऊर्जा के साथ कार्य कर सकते हैं। कई प्रसिद्ध लेखक और ग्रंथकार जाड़ों के प्रभाव में अपनी अद्भुत रचनाएँ करते हैं। सूर्य की किरणें एक अद्भुत चमक से भर जाती हैं, मन में नई प्रेरणा जागृत होती है और प्रकृति हमें लेखन के लिए प्रेरित करती है।
सर्दियों में लोग अक्सर अपने आप को भारी कपड़ों से ढक लेते हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त हवा नहीं मिल पाती, जो कि उचित नहीं है। शरीर को खुला रखने और सर्दी सहन करने की आदत डालनी चाहिए। प्रकृति के खिलाफ गलत खान-पान और जीवनशैली से कई गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। सर्दी की धूप का महत्वपूर्ण रासायनिक प्रभाव होता है, जिसमें कई विटामिन मौजूद होते हैं। धूप में स्नान करना बच्चों, वृद्धों और युवाओं के लिए समान रूप से लाभकारी है। इसलिए, सुबह की ठंडी हवा को छोड़कर, हमें बाकी समय में भारी जूतों और मोटे कपड़ों को त्यागकर हल्के और पतले वस्त्र पहनने चाहिए। आशा है कि सर्दी का डर लोगों के मन से दूर हो जाए और वे इसके महत्व को समझें
1/5/25
Religious World: आध्यात्मिकता के ज्ञान से जाने रोग तथा व्याधि का मनोवैज्ञानिक पहलू
Religious World: आध्यात्मिकता के ज्ञान से जाने रोग तथा व्याधि का मन...:
आध्यात्मिकता के ज्ञान से जाने रोग तथा व्याधि का मनोवैज्ञानिक पहलू
मनुष्य का मन जगत नियन्ता का एक अद्भुत आश्चर्य है, वही समस्त जड़ चेतन का कारण भूत है तथा मानव जीवन के समग्र पहलू प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से ही उसी एक केन्द्र के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे हैं। मनुष्य का अस्तित्व मानसिक संघर्ष से हुआ है, उसके विचारों ने उसका पंच भौतिक शरीर विनिर्मित किया है। अपनी मानसिक अवस्था के कारण प्रत्येक व्यक्ति अपनी बेड़ियाँ दृढ़ करता है तथा अज्ञान तिमिर में आच्छन्न हो ठोकरें खाता फिरता है।
4/21/24
क्या आप बूढ़े हो रहे है तो यह विडियो आपके लिए है
शब्द एजिंग यानि बूढ़ापा का नाम लेते ही आपके दिमाग में आमतौर से सफेद बाल, याददाश्त की कमजोरी और अकेलेपन के शिकार बुजुर्ग की छवि प्रकट होती है हालांकि एजिंग की सभी निराशाजनक दशायें वास्तव में सत्य नहीं हैं क्योकि एजिंग का अर्थ है खुद को मेच्योर होना, अनुभवों से समृद्ध होना, बुद्धिमत्ता और समग्र रूप में जीवन की बेहतर समझ होना भी होता है।
7/18/23
वास्तु शास्त्र की आवश्यकता
एक व्यापारी ने आलीशान घर बनाने के लिए ज़मीन ख़रीदा. उस भूमि पर पहले से ही एक खूबसूरत तालाब और पीछे की ओर एक बहुत पुराना फलों का बाग था.
कुछ समय के बाद वहां वे मकान बनाना शुरू किये. उनके कुछ मित्रों ने सलाह दी, की उन्हें किसी वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ की सलाह लें लेनी चाहिए.
यद्यपि उसे ऐसी बातों पर विश्वास नहीं था, फिर भी मित्रों का मन रखने के लिए उन्होंने बात मान ली और वास्तु शास्त्र के बेहद प्रसिद्ध बुद्धिमान को बुलवा लिया.
उन्हेंने स्टेशन से उनकों रिसीव किया और उन्हें अपनी कार में ले कर अपने घर की ओर चल दिए.
रास्ते में जब भी कोई कार उन्हें ओवरटेक करने की कोशिश करती, वो उसे रास्ता दे देते.
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने कहा आप बहुत सेफ ड्राइविंग करते हैं. व्यापारी ने कहा लोग अक्सर ओवरटेक तभी करते हैं जब उन्हें कुछ आवश्यक कार्य हो, इसलिए हमें उन्हें रास्ता देना चाहिए.
बाग एवं ज़मीन के पास पहुँचते-पहुँचते सड़क थोड़ी संकरी हो गयी और व्यापारी ने कार थोड़ी और धीरे कर ली. तभी अचानक एक हंसता हुआ बच्चा गली से निकला और तेज़ी से भागते हुए उनकी कार के आगे से सड़क पार कर गया, वो उसी गति से चलते हुए उस गली की ओर देखते रहे, जैसे किसी का इंतज़ार कर रहे हों, तभी अचानक उसी गली से एक और बच्चा भागते हुए उनकी कार के आगे से निकल गया, शायद पहले बच्चे का पीछा करते हुए. वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने ने हैरान होते हुए पूछा - आपको कैसे पता कि कोई दूसरा बच्चा भी भागते हुए निकलेगा ?
उसने बड़े सहज भाव से कहा, बच्चे अक्सर एक-दूसरे के पीछे भाग रहे होते हैं और इस बात पर विश्वास करना संभव ही नहीं कि कोई बच्चा बिना किसी साथी के ऐसी भाग दौड़ कर रहा हो,
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने इस बात पर बहुत ज़ोर से हंसे और बोले की आप निस्संदेह बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं.
फलो के बाग के बाहर पहुँच कर दोनों कार से उतरे. तभी अचानक पीछे की ओर से 7-8 पक्षी बहुत तेज़ी से उड़ते नज़र आए. यह देख कर उसने वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ से कहा कि यदि उन्हें बुरा न लगे तो क्या हम कुछ देर यहाँ रुक सकते हैं ?
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने कारण जानना चाहा तो व्यापारी ने कहा कि घर के पीछे की ओर से 7-8 पक्षी बहुत तेज़ी से उड़े हैं, शायद कुछ बच्चे पेड़ से फल चुरा रहे होंगे और हमारे अचानक पहुँचने से वे डर जायेगे और बच्चों में भगदड़ मच सकती हैं, इससे पेड़ से गिर कर किसी बच्चे को चोट भी लग सकती है.
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ कुछ देर चुप रहे, फिर संयत आवाज़ में बोले मित्र, इस घर को किसी वास्तु शास्त्र जाँच और उपायों की आवश्यकता नहीं है.
उसने बड़ी हैरानी से पूछा ऐसा क्यूँ ?
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ ने कहा, जहां आप जैसे विवेकपूर्ण व आसपास के लोगों की भलाई सोचने वाले व्यक्ति विद्यमान होंगे - वो स्थान और संपत्ति वास्तु शास्त्र नियमों के अनुसार बहुत पवित्र-सुखदायी और फलदायी होगी.
जब हमारा मन व मस्तिष्क दूसरों की ख़ुशी व शांति को प्राथमिकता देने लगे, तो इससे दूसरों को ही नहीं, स्वयं हमें भी मानसिक लाभ-शांति-प्रसन्नता मिलती है
जब कोई व्यक्ति सदा स्वयं से पहले दूसरों का भला सोचने लगे तो अनजाने में ही उसे संतत्व प्राप्त हो जाता है जिसके कारण दूसरों का भला हो रहा होता है व उसे ज्ञानबोध मिल जाता है.
भले ही हम प्रण न करें परंतु क़ोशिश अवश्य करें कि हममें भी ऐसे कुछ गुण विकसित हो जाएं कि हमारे घर को Feng Shui अथवा वास्तु जैसे किसी जंत्र-मंत्र की आवश्यकता ही न रहे.
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